गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महा देवा ।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा …
इक दन्त दयावन्त चार भुजा धारी ।
माथे पर तिलक सोहे मूषे की सवारी ।।
हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डूअन का भोग लगे संत करे सेवा ।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा …
अंधे को आँख देत कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया ॥
सूर श्याम शरण आये सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महा देवा ।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती पिता महा देवा ।।
गणपति वंदन
गाइए गणपति जग वंदन
संकर सुअन भवानी नंदन।।
सिद्धि सदन ,गज वदन विनायक
कृपा सिन्धु, सुन्दर सब लायक।।
मोदक प्रिय मुद, मंगल दाता
विद्या रा, सिद्धि बुद्धि विधाता ।।
मांगत तुलसीदास कर जोरे,
बसही राम सिय ,मानस मोरे।।
गाइए गणपति जग वंदन ,
संकर सुअन भवानी नंदन।।